नियोग (भाग-1)‘सत्यार्थ प्रकाश’ के चतुर्थ समुल्लास के क्रम सं0 120 से 149 तक की सामग्री पुनर्विवाह और नियोग विषय से संबंधित है। लिखा है किपुनर्विवाह और नियोग :-द्विजों यानी ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्णों में पुनर्विवाह कभी नहीं होने चाहिए। (4-121)स्वामी जी ने पुनर्विवाह के कुछ दोष भी गिनाए हैं जैसे –(1) पुनर्विवाह की अनुमतिContinueContinue reading “महामुर्ख दयानन्द और ‘सत्यानाश प्रकाश’ की पोल खोल – भाग 03”
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समाज विनाशक दयानन्द – सत्यार्थ प्रकाश की पोल-खोल- भाग-02
‘नियोग’ क्या है ?‘सत्यार्थ प्रकाश’ के चतुर्थ समुल्लास के क्रम सं0 120 से 149 तक की सामग्री पुनर्विवाह और नियोग विषय से संबंधित है। लिखा है किद्विजों यानी ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्णों में पुनर्विवाह कभी नहीं होने चाहिए। (4-121)स्वामी जी ने पुनर्विवाह के कुछ दोष भी गिनाए हैं जैसे –(1) पुनर्विवाह की अनुमति सेContinueContinue reading “समाज विनाशक दयानन्द – सत्यार्थ प्रकाश की पोल-खोल- भाग-02”
महाअज्ञानी दयानन्द का महाअज्ञान Part-01
महर्षि दयानन्द का महाअज्ञानदेखिये पूरी कहानी The EnD तकनोटः- हमारा उद्देश्य किसी की निंदा करना नही है बल्कि सच्चाई से अवगत कराना है ।स्वामी दयानन्द द्वारा रचित “सत्यार्थ प्रकाश ” मेंसमाजनाश की झलक — ‘‘सत्यार्थ प्रकाश’’ का ज्ञान।कृपया देखें समुल्लास-4 प ष्ठ-70~~~~~~~~~~~~~~~~~~समु.-4 पृष्ठ-71पर लिखा हैकि कैरी आँखों वाली लड़की से विवाह मत करो, दांत युक्त लड़की से विवाहContinueContinue reading “महाअज्ञानी दयानन्द का महाअज्ञान Part-01”